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Posted by smithmorgan on September 15, 2024 at 7:00pm 0 Comments 0 Likes
Posted by smithmorgan on September 15, 2024 at 7:00pm 0 Comments 0 Likes
Posted by smithmorgan on September 15, 2024 at 6:59pm 0 Comments 0 Likes
1 पहले शेयर मार्केट में कंपनियों के शेयरों को खरीदने के लिए बोली लगाई जाती थी लेकिन अब यह काम कंप्यूटर के माध्यम से किया जाता है।
2 शेयर मार्केट में शेयरों की ऑनलाइन खरीद-फरोख्त के लिए और उन शेयरों को रखने के लिए आपको ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है।
3 डीमैट अकाउंट का पूरा नाम डिमैटेरियलाइज्ड अकाउंट होता है।
4 डीमैट अकाउंट में सिर्फ डिजिटल शेयरों को रखा जाता हैं जबकि ट्रेडिंग अकाउंट के द्वारा आप आईपीओ, गोल्ड, म्यूच्यूअल फंड में भी निवेश कर सकते हैं।
5 यदि आप भी डीमैट अकाउंट खुलवाना चाहते हैं तो भारत में एनएसडीएल और सीडीएसएल यह सेवा प्रदान करती है।
6 डीमैट खाते में एनुअल मेंटिनेस चार्जेस (AMC) देने पड़ते हैं हालांकि ट्रेडिंग खाते वालों को ऐसी जरूरत नहीं होती। अगर आप डीमैट खाता खोलना चाहते हैं तो इसके लिए आपको भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) से मंजूरी लेनी जरूरी होती है। लेकिन ट्रेडिंग खाते को खोलने के लिए इसकी जरूरत नहीं होती।
7 हालांकि ट्रेडिंग अकाउंट और डिमैट अकाउंट दोनों खोलना जरूरी नहीं होता।
8 डीमैट अकाउंट खोलने के लिए आपको डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट से संपर्क करना पड़ता है। वहीं एक ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए आपको किसी ब्रोकर को चुनना होता है।
9 डीमैट अकाउंट एक गोदाम की तरह काम करता है जबकि ट्रेडिंग अकाउंट किसी दुकान की तरह काम करता है
10 शेयरों की खरीद-फरोख्त के लिए आपको ट्रेडिंग, डीमैट अकाउंट के साथ सेविंग अकाउंट की भी जरूरत होती है।
पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें - Trading & Demat Account Difference
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